मध्यकालीन भारतीय इतिहास के अध्ययन के लिए विभिन्न स्रोतों का उपयोग किया जाता है। ये स्रोत साहित्यिक, पुरातात्विक, और विदेशी यात्रा वृतांतों के रूप में हो सकते हैं। निम्नलिखित बिंदुओं में इन प्रमुख स्रोतों का विवरण दिया गया है:
साहित्यिक स्रोत
- राजस्व और प्रशासनिक अभिलेख:
- प्रशासनिक दस्तावेज: सरकारी आदेश, भूमि अनुदान, कर और राजस्व संग्रह के रिकॉर्ड। उदाहरण के लिए, शेरशाह सूरी के शासनकाल में तैयार किया गया ‘अमीन-ए-अकबरी’।
- फरमान: मुग़ल सम्राटों द्वारा जारी किए गए शाही आदेश, जो प्रशासनिक और कानूनी निर्णयों का वर्णन करते हैं।
- राज दरबार का साहित्य:
- अकबरनामा और आइने-अकबरी: अकबर के दरबारी इतिहासकार अबुल फजल द्वारा लिखित, जिसमें अकबर के शासनकाल का विस्तृत विवरण है।
- ताज-उल-मासिर: हसन निजामी द्वारा लिखित, जो कुतुब-उद-दीन ऐबक के शासनकाल का वर्णन करता है।
- धार्मिक साहित्य:
- भक्ति और सूफी साहित्य: संतों और सूफी कवियों द्वारा रचित भक्ति और सूफी साहित्य, जैसे कि कबीर, मीराबाई, और रैदास की रचनाएँ।
- जैन और बौद्ध साहित्य: जैन और बौद्ध धार्मिक ग्रंथ और इतिहास, जो उस समय के समाज और संस्कृति का वर्णन करते हैं।
पुरातात्विक स्रोत
- मूर्तियां और मंदिर:
- विभिन्न मंदिरों की मूर्तियां और स्थापत्य शैली उस समय की धार्मिक मान्यताओं और कला का प्रतिनिधित्व करती हैं, जैसे कि खजुराहो और दिलवाड़ा के मंदिर।
- सिक्के:
- विभिन्न राजाओं और सम्राटों के द्वारा जारी किए गए सिक्के, जो उनके शासनकाल, आर्थिक स्थिति, और व्यापारिक गतिविधियों का संकेत देते हैं।
- शिलालेख और अभिलेख:
- विभिन्न राजाओं द्वारा जारी किए गए शिलालेख और ताम्रपत्र, जो भूमि अनुदान, विजय, और प्रशासनिक गतिविधियों का विवरण प्रदान करते हैं।
विदेशी यात्रा वृतांत
- अरबी और फारसी यात्रियों के वृतांत:
- इब्न बतूता: इब्न बतूता का वृतांत, जिसने मुहम्मद बिन तुगलक के शासनकाल का विस्तृत विवरण प्रदान किया है।
- अलबरूनी: अलबरूनी का वृतांत, जिसने महमूद गज़नवी के समय का वर्णन किया है और भारतीय समाज, धर्म, और विज्ञान के बारे में जानकारी दी है।
- यूरोपीय यात्रियों के वृतांत:
- मार्को पोलो: मार्को पोलो का वृतांत, जिसने भारत की यात्रा की और यहाँ की समाजिक और आर्थिक स्थितियों का वर्णन किया।
- फ्रांसीसी यात्री, बर्नियर: बर्नियर का वृतांत, जिसने मुग़ल सम्राट औरंगज़ेब के शासनकाल का वर्णन किया है।
इन स्रोतों के अध्ययन से मध्यकालीन भारतीय इतिहास की एक व्यापक और गहरी समझ प्राप्त होती है, जो उस समय के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, और राजनीतिक पहलुओं को उजागर करती है।