बौद्ध धर्म

बौद्ध धर्म भारतीय उपमहाद्वीप का एक प्रमुख धर्म है, जो जीवन के दुखों का अंत और मोक्ष की प्राप्ति पर ध्यान केंद्रित करता है। इसे सिद्धार्थ गौतम, जिन्हें बुद्ध कहा जाता है, द्वारा स्थापित किया गया था। बौद्ध धर्म का अध्ययन UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय धर्म और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

बौद्ध धर्म का उदय और इतिहास

संस्थापक

  • सिद्धार्थ गौतम: बौद्ध धर्म के संस्थापक, जिन्हें बुद्ध (ज्ञान प्राप्त करने वाला) कहा जाता है। उनका जन्म 563 ईसा पूर्व और निर्वाण 483 ईसा पूर्व के आस-पास हुआ।

प्रमुख जीवन घटनाएँ

  • जन्म: लुम्बिनी (वर्तमान नेपाल) में राजा शुद्धोधन और रानी माया के यहाँ।
  • संन्यास: 29 वर्ष की आयु में घर-परिवार का त्याग करके सन्यास लिया।
  • प्रबोधन: बोधगया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे ध्यान लगाकर ज्ञान की प्राप्ति।
  • उपदेश: बोधगया के बाद, उन्होंने सारनाथ में पहले उपदेश का आयोजन किया।
  • निर्वाण: कुशीनगर (उत्तरी भारत) में उनका निर्वाण हुआ।

बौद्ध धर्म के सिद्धांत

चार आर्य सत्य

  1. दुःख (दुःख): जीवन में दुःख और पीड़ा की वास्तविकता।
  2. दुःख का कारण (समुदय): दुःख का कारण तृष्णा (लालसा) और अज्ञान है।
  3. दुःख का नाश (निरोध): दुःख का अंत संभव है।
  4. मार्ग (मार्ग): दुःख के अंत के लिए अष्टांगिक मार्ग का पालन करना चाहिए।

अष्टांगिक मार्ग (Eightfold Path)

  1. सही दृष्टि (स्मृति): जीवन की वास्तविकता और चार आर्य सत्य को समझना।
  2. सही संकल्प (संकल्प): सच्ची इच्छाओं और निर्णयों का पालन।
  3. सही वचन (वचन): सत्य बोलना और झूठ से दूर रहना।
  4. सही क्रिया (क्रिया): अच्छे कर्म और अहिंसा का पालन।
  5. सही आजीविका (आजीविका): उपयुक्त और नैतिक पेशे का चयन।
  6. सही प्रयास (प्रयत्न): मानसिक और आध्यात्मिक सुधार के लिए प्रयास।
  7. सही स्मृति (स्मृति): ध्यान और ध्यान की प्राप्ति।
  8. सही समाधि (समाधि): ध्यान और मानसिक स्थिरता।

तीन गहना (Three Jewels)

  1. बुद्ध (Buddha): ज्ञान प्राप्त करने वाला।
  2. धर्म (Dharma): बुद्ध के उपदेश और शिक्षाएं।
  3. संघ (Sangha): बौद्ध समुदाय और साधु वर्ग।

पांच शील (Five Precepts)

  1. अहिंसा: सभी जीवों के प्रति दया।
  2. सत्य: सत्य बोलना।
  3. अचौर्य: चोरी से बचना।
  4. अपरिग्रह: यथासम्भाव वस्त्र और अन्य सामान का उपयोग।
  5. सदाचार: संयमित और पवित्र जीवन जीना।

बौद्ध धर्म की शाखाएँ

  1. हीनयान (Theravada)
    • स्थापन: थेरवाद में प्रमुख शिक्षाएं और प्रथाएं पालक।
    • स्थापना: श्रीलंका, थाईलैंड, म्यांमार, लाओस, और कंबोडिया।
    • उपदेश: अष्टांगिक मार्ग और चार आर्य सत्य।
  2. महायान
    • स्थापन: ‘महान वाहन’ के रूप में जाना जाता है।
    • स्थापना: चीन, जापान, कोरिया, और तिब्बत।
    • उपदेश: बोधिसत्त्व की पूजा और करुणा का महत्व।
    • प्रमुख सम्प्रदाय: ज़ेन, तेनडई, और अमिदा।
  3. वज्रयान (Tibetan Buddhism)
    • स्थापन: तिब्बत, भूटान, और नेपाल।
    • उपदेश: तंत्र और योग की विशेष विधियाँ।
    • प्रमुख शास्त्र: तंत्रसूत्र और लामा।

बौद्ध धर्म के प्रमुख स्थल

  1. लुम्बिनी: सिद्धार्थ गौतम का जन्मस्थान।
  2. बोधगया: बुद्ध का प्रबोधन स्थल।
  3. सारनाथ: पहला उपदेश स्थल।
  4. कुशीनगर: बुद्ध का निर्वाण स्थल।

बौद्ध धर्म का प्रभाव

  • धार्मिक प्रभाव: अहिंसा, करुणा, और दया की शिक्षाएं।
  • सांस्कृतिक प्रभाव: भारतीय कला, वास्तुकला, और साहित्य पर प्रभाव।
  • सामाजिक प्रभाव: समानता, तात्त्विक दृष्टिकोण, और शिक्षा के प्रसार में योगदान।

निष्कर्ष

बौद्ध धर्म भारतीय धार्मिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसने न केवल भारतीय समाज पर बल्कि वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव डाला है। इसके सिद्धांत और शिक्षाएं जीवन के दुखों का अंत और आत्मा की शुद्धि के मार्ग को समझाने में सहायक हैं। UPSC जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए बौद्ध धर्म का अध्ययन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारतीय धर्म, संस्कृति, और इतिहास की गहरी समझ प्रदान करता है।

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